मौनी अमावस्या के दिन संगम पर होने वाली भीड़ और भगदड़ एक खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है, खासकर जब पांटून पुल बंद होते हैं और श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होती है। भगदड़ मचने के कारण कई लोग घायल हो सकते हैं और यह स्थिति प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है। इस तरह की भीड़ नियंत्रण की स्थिति में सुरक्षा उपायों की और अधिक सख्ती से निगरानी रखने की जरूरत होती है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
क्या इस घटना में किसी प्रकार की चोटें आईं थीं या फिर प्रशासन ने कोई विशेष कदम उठाए थे?
मौनी अमावस्या के अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे. इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई. ज्यादातर श्रद्धालु जल्दी स्नान करने के लिए संगम तट पर ही भोर होने का इंतजार कर रहे थे. इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए. यह देखकर भगदड़ मच गई.
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर साढ़े सात करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। आज यानी स्नान के अगले दिन 30 जनवरी को सुबह 9 बजे तक 55 लाख लोगों ने स्नान किया है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अभी तक 27 करोड़ 58 लाख लोग डुबकी लगा चुके हैं। अब पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस किया गया है।
महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से अधिक घायल हैं। यह आंकड़ा सरकार ने जारी किया है। प्रशासन ने देर शाम इसकी जानकारी दी। प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने में सहयोग करें।
महाकुंभ स्नान को लेकर किए गए प्रमुख बदलाव:
- मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन: प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में अब सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- VVIP पास हुए रद्द: किसी भी विशेष पास के जरिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
- रास्ते किए गए वन-वे: महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा मार्ग व्यवस्था लागू की गई है।
- वाहनों की एंट्री पर रोक: प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है। उन्हें एक अंतराल के बाद आगे जाने के लिए छोड़ा जा रहा है।
- 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध: प्रयागराज शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी। यह प्रतिबंध 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
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